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बुकर टी. वाशिंगटन और नागरिक अधिकार आंदोलन

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बुकर टी. वाशिंगटन और नागरिक अधिकार आंदोलन अफ्रीकी-अमेरिकी नागरिक अधिकार आंदोलन (1955-1968) का उद्देश्य अफ्रीकी अमेरिकी लोगों के खिलाफ नस्लिय भेदभाव को गैर कानूनी घोषित करना और दक्षिण अमेरिका में मतदान अधिकार को पुन: स्थापित करना था। गृहयुद्ध के बाद अश्वेतों को गुलामी से मुक्त कर दिया गया था लेकिन उसके बावजूद भी उनकी स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया। पुनर्निर्माण और द्वितीय विश्वयुद्ध के बीच अश्वेतों की स्थिति ओर खराब हो गई। इस दौरान बुकर टी. वाशिंगटन इनके लिए एक प्रभावशाली नेता बनकर उभरे। वाशिंगटन ने अफ्रीकी-अमेरिकियों के लिए व्यावसायिक शिक्षा और औद्योगिक शिक्षा को बढ़ावा दिया ताकि वह आर्थिक रूप से संपन्न और कुशल बन सके। पृषठभूमि दक्षिण अमेरिका में अश्वेतों ने संघर्ष कर अपने आपको दासता मुक्त कराया। अश्वेतों ने अपनी संस्थाएं बनाई जिससे अश्वेत राष्ट्रवाद का उदय हुआ। नेशनल नीग्रो कन्वेंशन जैसे कई नीग्रो संगठन बने। गृहयुद्ध के दौरान अफ्रीकी-अमेरिकी नेताओं के बीच कट्टरपंथी विचारों का विकास हुआ। बिशप एम. टर्नर, मार्टिन आर. डेलानी और अलेक्ज़ेंडर क्रूमेल ने अश्वेतों के लिए एक स्वायत्त राज्य की...

अमेरिका में "न्यू डील" की नीतियां

प्रश्न:- अमेरिका में "न्यू डील" की नीतियों का वर्णन कीजिए। परिचय:- 1930 के दशक में आर्थिक मंदी का सामना करने के लिए अमेरिकी सरकार ने अनेक क्षेत्रों में हस्तक्षेप किया। 1935 और 38 के बीच राष्ट्रपति थियोडर रुजवेल्ट के नेतृत्व में सरकार ने अनेक कार्यक्रम को शुरू करने के लिए अनेक एजेंसियों की स्थापना की। इनमें कुछ तत्काल राहत पहुंचाती थी, कुछ आर्थिक कार्यों का संपादन करती थी और मंदी का सामना करती थी। इसे ही नई योजना कहा गया। इसके मुख्य तीन उद्देश्य राहत, पुनर्लाभ व वसूली और सुधार थे। इस योजना के अंतर्गत संयुक्त राज्य लोककल्याणकारी राज्य बन गया। 1932 के निर्वाचन में रूजवेल्ट लोकतंत्रवादियों का उम्मीदवार था। चुनाव में लोकतंत्रवादी कांग्रेस के दोनों सदनों में विजयी रहे और रुजवेल्ट बहुमत से राष्ट्रपति चुन लिया गया। रूजवेल्ट ने अपने उद्घाटन भाषण में देशवासियों को आशा का संदेश दिया। उसने कहा "हमें सिर्फ एक ही चीज से डरना है वह है डर"। रूजवेल्ट ने मंदी को घरेलू समस्या के रूप में देखा और आर्थिक राष्ट्रवाद द्वारा इसे दूर करने पर बल दिया। रूजवेल्ट ने तुरंत ही कांग्रेस का एक विशेष...

प्रगतिवादी आंदोलन का उद्देश्य

प्रश्न:- प्रगतिवादी आंदोलन के उद्देश्यों का वर्णन कीजिए। परिचय:- प्रगतिवादी आंदोलन थियोडर रुजवेल्ट के राष्ट्रपति काल में आरंभ हुआ। इसने अनेक अमेरिकियों को प्रभावित किया। नेताओं ने राज्यों और नगरों की राजनीति में इस विचारधारा का प्रतिपादन किया। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य जनता को प्रशासन में अधिक से अधिक भाग देना तथा सरकार को लोककल्याणकारी होने के लिए अधिक शक्तिशाली, दक्ष और क्रियाशील करना था। प्रगतिवादियो ने सुधार कार्यक्रम को अपनाया। इसमें देश के सभी भागों के स्त्री-पुरुष विशेषकर उत्तर-पूर्व और मध्य पश्चिमी के लोग शामिल थे। इस आंदोलन की शुरुआत नगरों से हुई। यहां सामाजिक न्याय और प्रशासनिक सुधार पर ध्यान दिया गया। प्रगतिवादी नेताओं में कॉलेज में शिक्षा प्राप्त पेशेवर लोग, छोटे छोटे व्यवसाई तथा देसी प्रोटेस्टेंट शामिल थे। सुधारको ने दो बुराइयों के विरुद्ध संघर्ष किया। वह भ्रष्टाचार की वजह से दुखी थे। सरकार धनिक वर्ग को सभी स्तरों पर विशेष सुविधाएं प्रदान कर रही थी। वे इन लोगों तथा नेताओं की सत्ता का अंत करना और जनता को सच्चे अर्थों में स्वतंत्रता दिलाना चाहते थे। उनकी यह भी इच्छा थी कि ...

अमेरिका में औद्योगिक विस्तार

प्रश्न:- अमेरिका में औद्योगिक विस्तार का वर्णन कीजिए। परिचय:- 19वीं शताब्दी के अंत में अमेरिकी आर्थिक विकास के अनेक कारण थे। प्रथम यहां कोयला, लोहा, लकड़ी, पेट्रोलियम आदि कच्चे मालों की प्रचुरता थी। यहां मजदूरों की अधिकता थी। इनमें कुछ मजदूर तो विदेश से भी आए थे। अमेरिकी शिल्पविज्ञान उच्च कोटि का था। कुशल अमेरिकियों ने अनेक नई-नई मशीनों का आविष्कार किया। उद्योगपतियों ने अपने व्यावसायिक संगठन में बड़ी अभिरुचि ली। वस्तुओं की खपत के लिए बाजार भी उपलब्ध था। देश की जनसंख्या में वृद्धि और यातायात के साधनों के विकास के फलस्वरुप बाजार विस्तृत हो गया। सरकार उद्योगों के विकास के लिए आर्थिक सहायता देने लगी तथा सीमा शुल्क की दर ऊंची करके देसी उद्योगों के पनपने का अवसर दिया गया। बैंकों ने भी व्यापार व्यवसाय के विकास में योगदान दिया। इतिहासकार "चार्ल्स" और "मेरी बियर्ड" के अनुसार औद्योगिक विकास में इंग्लैंड ने जो सौ वर्षों में किया, उसे अमेरिका ने 50 वर्षों में ही कर दिखाया। अमेरिका विश्व में निर्माताओं का पहला देश बन गया। दक्षिण बागान मालिकों का देश की राजनीति में प्रभाव कम हो ग...

अमेरिका में उग्र पुनर्स्थापना की नीतियों एवं कानूनों

 प्रश्न:- 19वीं शताब्दी अमेरिका में उग्र पुनर्स्थापना की नीतियों एवं कानूनों का वर्णन कीजिए। परिचय:- पुनर्निर्माण के कार्यक्रम के बारे में दक्षिण में गहरे मतभेद थे। उदारवादी पक्ष का कहना था कि दक्षिणी राज्यों को सारे संवैधानिक अधिकार दे देनी चाहिए। उग्रवादी पक्ष की राय थी कि बागान मालिकों की शक्ति को नष्ट कर तथा नस्ली एकता की स्थापना की जानी चाहिए, जिससे भविष्य में फिर कभी संघर्ष न हो। दिसंबर 1865 में कांग्रेस की बैठक हुई। उस समय तक पुनर्निर्माण का सारा कार्य कार्यपालिका के हाथों में था। एंडू् जॉनसन अप्रैल 1865 में राष्ट्रपति बना। उसने लिंकन के कार्यक्रम को अपनाया। जॉनसन ने पुनर्निर्माण का कार्यक्रम लागू किया। उग्रपंथियों को जॉनसन के पुनर्निर्माण कार्यक्रम से आपत्ति थी, इसलिए जब दिसंबर 1865 में कांग्रेस की बैठक हुई तब उन्होंने जॉनसन के कार्य को निष्फल करने तथा पूर्ननिर्माण के कार्य को बिल्कुल भिन्न प्रकार से करने का निश्चय किया। यह चाहते थे कि संघीय सरकार को दक्षिणी राज्य के प्रति ऐसा व्यवहार करना चाहिए कि वे विजित प्रदेशों हो। इन राज्यों को संघ में शामिल करने से पहले उनके ऊपर काफी...