अमेरिका में औद्योगिक विस्तार
- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप
परिचय:- 19वीं शताब्दी के अंत में अमेरिकी आर्थिक विकास के अनेक कारण थे। प्रथम यहां कोयला, लोहा, लकड़ी, पेट्रोलियम आदि कच्चे मालों की प्रचुरता थी। यहां मजदूरों की अधिकता थी। इनमें कुछ मजदूर तो विदेश से भी आए थे। अमेरिकी शिल्पविज्ञान उच्च कोटि का था। कुशल अमेरिकियों ने अनेक नई-नई मशीनों का आविष्कार किया। उद्योगपतियों ने अपने व्यावसायिक संगठन में बड़ी अभिरुचि ली। वस्तुओं की खपत के लिए बाजार भी उपलब्ध था। देश की जनसंख्या में वृद्धि और यातायात के साधनों के विकास के फलस्वरुप बाजार विस्तृत हो गया। सरकार उद्योगों के विकास के लिए आर्थिक सहायता देने लगी तथा सीमा शुल्क की दर ऊंची करके देसी उद्योगों के पनपने का अवसर दिया गया। बैंकों ने भी व्यापार व्यवसाय के विकास में योगदान दिया। इतिहासकार "चार्ल्स" और "मेरी बियर्ड" के अनुसार औद्योगिक विकास में इंग्लैंड ने जो सौ वर्षों में किया, उसे अमेरिका ने 50 वर्षों में ही कर दिखाया। अमेरिका विश्व में निर्माताओं का पहला देश बन गया। दक्षिण बागान मालिकों का देश की राजनीति में प्रभाव कम हो गया। फलस्वरुप उद्योग-धंधों के विकास का रास्ता खुल गया। उत्तरी पूंजीपतियों ने कारखानों में पूंजी लगाई। देश का औद्योगिकरण और शहरीकरण शुरू हो गया और नगरों का महत्व बढ़ा।
व्यवसायियों का उदय:- 1865 और 1900 के बीच अमेरिकी व्यवसाय एकाधिकार की ओर उन्मुख रहा। देश के उद्योग-धंधे अधिक से अधिक लोगों के लिए उत्पादन करने लगे। छोटे-छोटे निगमों को एक में मिला लिया गया और इन्हें एक में मिलाकर व्यापार संघ बनाया गया। इसके सदस्य आपस में प्रतियोगिता नहीं करते थे और मुनाफे को आपस में बांट लेते थे। इस तरह के व्यापार संघ को संघ कहा जाता था। इसके ऊपर न्यास परिषद का नियंत्रण होता था।
इस्पात तथा तेल:- 1865 से अमेरिका में इस्पात युग प्रारंभ हुआ। "विलियम कैली" नामक एक अमेरिकी ने लोहा से इस्पात बनाने की विधि खोज निकाली। इस्पात का उपयोग रेलवे इंजन, रेलवे लाइनों को बिछाने, बड़े बड़े कारखानों आदि में किया जाने लगा। पश्चिमी पेंसिलवेनिया और पूर्वी ओहियो में अनेक उद्योग थे। अतः वही इस्पात उद्योग कायम किए गए। इन क्षेत्रों में लोहे और कोयले की प्रचुरता थी। पिट्सबर्ग में इस्पात का काफी उत्पादन होने लगा। इस्पात उद्योग के विकास के फलस्वरुप नए-नए लोह खदानों की खोज शुरू हो गई। पेट्रोलियम उद्योग का भी विकास हुआ। पश्चिमी पेंसिलवेनिया में पेट्रोलियम की खानों का पता लगाया गया। सर्वप्रथम जॉर्ज एच. बिसेल ने प्रकाश पैदा करने के रूप में इसकी उपयोगिता का पता लगाया।
रेलमार्गों का विस्तार:- 1860 में संयुक्त राज्य में रेलगाड़ी सबसे बड़ा उद्योग था। रेलमार्गों के विस्तार से आर्थिक विकास की गति तेज हो गई। कच्चे माल और निर्मित मालो के परिवहन में सुविधा हो गई। फलस्वरुप रेल यात्रा सुगम और सुविधाजनक हो गई। 1893 में दक्षिणी रेलवे का गठन किया गया। यह रेलमार्ग वॉशिंगटन से न्यू ऑरलियंस तक जाता था। 1862 में कांग्रेस ने एक कानून बनाया, जिसे 1864 में संशोधित किया गया। इसमें दो रेलमार्ग निगमों "यूनियन पेसिफिक" और "सेंट्रल पेसिफिक" को पश्चिम की ओर रेलवे लाइन बिछाने के लिए कहा गया। इसके लिए कांग्रेस ने सार्वजनिक भूमि और आवश्यक धन की स्वीकृति दी। ग्रेट नॉर्दन को छोड़कर सभी रेल मार्ग राष्ट्रीय या राज्य सरकारों की आर्थिक सहायता से निर्मित किए गए।
नगरों का विकास:- देश का औद्योगिकरण और शहरीकरण एक साथ हुआ। नगर औद्योगिक केंद्र बन गए। गांव से लोग औद्योगिक नगरों की ओर चल पड़े। अधिकांश लोग शहरी जीवन पसंद करने लगे क्योंकि शहरों में जीवनोपयोगी अनेक सुविधाएं उपलब्ध थी। वहां गांव की अपेक्षा मजदूरी अधिक मिलती थी। 1885 में उद्योगपतियों ने "श्रम संविदा" कानून के अंतर्गत मजदूरों का आयात किया। उन्हें अमेरिका आने के लिए किराया दिया जाता था जो बाद में उनकी मजदूरी से काट लिया जाता था।
पूंजीवादी व्यवस्था:- नये बड़े उद्योगों के उदय के फलस्वरुप पूंजीवादी व्यवस्था का जन्म हुआ। आर्थिक क्रांति ने अमेरिका में एक नए शासक वर्ग को जन्म दिया। इसमें उद्योगपति और बैंकर थे। इनमें से कुछ ने छोटे-मोटे काम से अपना जीवन शुरू किया। यह लोग राजनीतिक दलों को चंदा देकर संघीय और प्रांतीय सरकारों पर प्रभाव रखते थे।
सरकारी सहायता:- अमेरिका की औद्योगिक विकास में संघीय सरकार ने भी सहायता दी। संविधान ने संपत्ति के अधिकार की रक्षा की। उसने राज्य पर दबाव डाला कि वे संविदाओं(कॉन्ट्रैक्ट) की रक्षा करें। संविदा के अंतर्गत निगम का चार्टर भी आता था। निगम समूचे देश में स्वतंत्रता पूर्वक व्यापार कर सकता था। गृह युद्ध के बाद शासन के सभी अंगों पर ऐसे लोगों का अधिकार हो गया जो व्यापारियों के दृष्टिकोण से सहानुभूति रखते थे। रिपब्लिकन पार्टी व्यापारिक विस्तार को बढ़ावा देना चाहती थी। सर्वोच्च न्यायालय ने भी व्यापारिक हितों की रक्षा के प्रति अपना रुझान प्रकट किया। सार्वजनिक भूमि के सीधे अनुदानों तथा बिक्री और "होमस्टेड एक्ट" कार्यान्वय ने व्यापारिक निगमों को यह अवसर दिया कि वे अविकसित पश्चिम के अनेक प्राकृतिक संसाधनों पर अपना स्वामित्व स्थापित कर लें।
न्यायिक संरक्षण:- न्यायालयों ने यह निर्धारित किया कि सरकार ऐसा कोई कानून नहीं बनाएगी जिससे निगम अपने निवेश पर उचित लाभ अर्जित न कर सके। कितना लाभ उचित है यह तय करने की जिम्मेदारी न्यायालयों ने अपने ऊपर ले ली।
अन्य उद्योग:- औद्योगिक उन्नति का अनेक मानव गतिविधियों पर प्रभाव पड़ा। कुछ आविष्कारको ने खेती के क्षेत्र में उपयोग होने वाले यंत्रों का आविष्कार किया। टाइपराइटर, जोड़ने वाली मशीन और कैश रजिस्टर ने व्यापारिक प्रक्रिया को आसान बना दिया। सिलाई की मशीनों ने कपड़े के सीने को आसान कर दिया। रेफ्रिजरेशन तथा डिब्बों में खाने को बंद रखने की प्रणाली ने लोगों की खानपान की आदतों को बदल दिया।
ट्रस्ट विरोधी कानून:- 1880 के दशक में विभिन्न उद्योगों में एकाधिकार की प्रवृत्ति ने अमेरिकी जनता को आशंकित कर दिया और उसने इस प्रवृत्ति पर नियंत्रण रखने के लिए कानून बनाने की पैरवी की। 1890 में कांग्रेस ने सर्वसम्मति से "शर्मन एंटी ट्रस्ट एक्ट" पास किया। इस अधिनियम की पहली धारा में कहा गया कि यदि कई राज्यों के बीच या विदेशी राज्यों के साथ मिलकर बनाए गए समझौतों अथवा निगमों से व्यापार या व्यवसाय में रुकावट पड़े तो वे गैरकानूनी समझे जाएंगे। दूसरी धारा के अनुसार यदि कोई व्यक्ति व्यापार या व्यवसाय के किसी अंश पर एकाधिकार प्राप्त करने की कोशिश करता है, तो उसे दोषी माना जाएगा।
अमेरिकन फेडरेशन ऑफ लेबर:- 1881 में न्यूयॉर्क के सिगार-निर्माता सैमुअल गोम्पर्स के नेतृत्व में अमेरिकन फेडरेशन ऑफ लेबर की स्थापना हुई। इस श्रमिक संघ ने धीरे-धीरे उन्नति की। 1900 तक इसकी सदस्य-संख्या 5,50,000 हो गई। इस नए ढंग के श्रमिक संघ आंदोलन में कठोर अनुशासन, वेतनो की नियमित अदायगी और वेतन भोगी अफसरों के अधीन केंद्रीय नेतृत्व पर जोर दिया गया था।
यूनियन के लिए यह आवश्यक था कि वह आरक्षित कोष एकत्रित करें तथा हड़तालों के समय मजदूरों को आर्थिक सहायता दे। अमेरिकी श्रम संघ का मुख्य लक्ष्य सामूहिक सौदेबाजी को बढ़ावा देना था। मजदूरों के लिए किसी काम पर लगने से पहले यूनियन का सदस्य होना आवश्यक था। अमेरिकी श्रमिक संघ ने किसी विशेष राजनीतिक दल का साथ नहीं दिया। उसने कांग्रेस के सदस्यों पर दबाव डालकर ऐसे कानूनों को पास कराने की कोशिश की जो श्रमिकों के हित में हो। गोम्पर्स के राजनीतिक कौशल के कारण अमेरिकी श्रमिक संघ को अमेरिकी समाज में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त हो गया। हड़तालों के कारण अनेक मालिकों को सामूहिक सौदेबाजी के आगे झुकना पड़ा। मजदूरों के वेतन बढ़ गए और काम के घंटों में कमी हो गई।
निष्कर्ष:- अमेरिका के औद्योगिक विकास की जड़े अमेरिका में ही मौजूद थी। अमेरिका में प्राकृतिक संसाधन, पूंजी तथा सरकार की आर्थिक सहायता ने औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। न्यायालयों ने उन कानूनों को पास किया जिससे व्यापार के विकास को बढ़ावा मिलता हो साथ ही साथ उसने एकाधिकार के खिलाफ कानून बनाएं जिससे व्यापार में बाधा उत्पन्न हो रही थी। इस समय श्रमिक संघ ने श्रमिकों की दशा, उनके वेतन और कार्य करने के घंटों में स्थिरता प्रदान की।
- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप
टिप्पणियाँ
Industrial revolution and industrial expansion are the same or different???????
जवाब देंहटाएंSame.....
जवाब देंहटाएं