1812 के युद्ध के कारण और परिणाम
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प्रश्न:- 1812 के युद्ध के कारणों और परिणामों का वर्णन कीजिए।
परिचय:- 1812 का युद्ध अमेरिका और ब्रिटेन के बीच लड़ा गया। यह युद्ध मुक्त सागर और नाविक अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ा गया था। किंतु युद्ध का कारण विवादास्पद बना रहा। कुछ लोग मानते हैं कि यह युद्ध सीमांत भूमि के लिए लड़ा गया, किंतु कुछ लोगों का मानना है कि यह युद्ध मुक्त सागर के लिए लड़ा गया। न्यू इंग्लैंड के व्यापारियों ने इस युद्ध का विरोध किया और इसे मेडिसन का युद्ध बतलाया। इसने इंडियन व्यवधान को तोड़ दिया जो उत्तर-पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम विस्तार के मार्ग में बाधा थे। युद्ध के फलस्वरुप व्यापार-व्यवसाय को प्रोत्साहन मिला और औघोगिक श्रेष्ठता की ओर अग्रसर हुआ। इस युद्ध का अंत 1815 में हुआ। यह वर्ष संयुक्त राज्य और विश्व के अन्य देशों के साथ उसके संबंधों के लिए युगांतकारी साबित हुआ। पहले यह देश यूरोपीय मामलों में उलझा रहता था और इसका अधिकांश ध्यान विदेशिक मामलों में केंद्रित रहता था। लेकिन युद्ध के बाद यह अपना अधिकांश ध्यान गृह-मामलों में केंद्रित करने लगा। लगभग एक शताब्दी तक वैदेशिक मामलों की अपेक्षा गृह मामलों की प्राथमिकता बनी रही। ब्रिटेन की भांति संयुक्त राज्य अमेरिका भी शानदार तटस्थता-नीति का समर्थक बन गया।
युद्ध के कारण:-
तटस्थता- अधिकार:- ब्रिटेन की शक्तिशाली नौसेना के कारण फ्रांस और स्पेन के मालवाहक जहाज सुदूर सागरों में जाने की हिम्मत नहीं करते थे। 1805 में ट्राफाल्गार युद्ध में ब्रिटिश नौसेना ने फ्रांसीसी नौसेना को नष्ट कर दिया। इससे समुद्र में ब्रिटिश नौसेना का प्रभुत्व छा गया। तब नेपोलियन ने ब्रिटेन को पराजित करने के लिए एक अप्रत्यक्ष तरीका निकाला जिसे इतिहास में "महादेशीय व्यवस्था" कहते हैं। नेपोलियन ने ब्रिटेन के यूरोप में व्यापार को बंद करने की नीति अपनाई। इसके लिए 1806 में बर्लिन और 1807 में मिलान से आदेश जारी किया गया। इसके द्वारा ब्रिटेन और तटस्थ देशों के मालवाहक जहाज फ्रांस या उसके मित्र राज्यों के बंदरगाहों में उतरने से मना कर दिए गए। इस पर ब्रिटिश सरकार ने नेपोलियन को मुंहतोड़ जवाब दिया। इनके द्वारा यूरोपीय बंदरगाहों की नाकेबंदी कर दी गई।
महादेशीय व्यवस्था ने अमेरिका को बुरी तरह प्रभावित किया। यूरोप जाने वाले अमेरिकी जहाज ब्रिटिश बंदरगाह तथा फ्रांसीसी बंदरगाहों पर पकड़ लिए जाते थे। अधिकांश अमेरिकी फ्रांसीसीयों की अपेक्षा अंग्रेजों को ही अपना दुश्मन समझते थे। उनके पास शक्तिशाली नौसेना थी और वे विश्व के तमाम समुद्र में मालवाहक जहाजों को पकड़ लेते थे।
बलपूर्वक भर्ती:- ब्रिटिश नौसेना में काम करने वालों को अनेक कष्ट झेलने पड़ते थे। उन्हें कोड़ों से पीटा जाता था। कम वेतन दिया जाता था तथा अत्यंत खतरनाक और गंदे वातावरण में काम करना पड़ता था। उन्हें नौसेना में बलपूर्वक भर्ती किया जाता था। अतः जब उन्हें मौका मिल जाता वह इसे छोड़कर भाग जाते थे। उनमें से अधिकांश अमेरिकी मालवाहक जहाजों में और कुछ उसकी नौसेना में योगदान देते थे। इसे रोकने के लिए अंग्रेज अमेरिकी मालवाहक जहाजों को रोकने और जांच पड़ताल करने तथा भगोड़ा को दोबारा बलपूर्वक भर्ती करने का दावा करते थे।
ब्रिटेन अपने देश में उत्पन्न हुए और अमेरिकी देश में काम कर रहे लोगों को भी पकड़ लेते थे। उनका कहना था कि अंग्रेजी कानून के अनुसार इंग्लैंड में उत्पन्न हुए अंग्रेज राजा के प्रति अपनी स्वामीभक्ति कभी त्याग नहीं सकता। इस प्रकार अंग्रेज अमेरिकी नागरिकों को बलपूर्वक भर्ती कर लेते थे। इस समय 1807 में "चेसापीक लियोपार्ड" की घटना घटी। चेसापीक संयुक्त राज्य अमेरिका की नौसेना का एक जहाज था। इसमें ब्रिटिश नौसेना के भगोड़े थे। चेसापीक खाड़ी में अंग्रेजी जहाज लियोपार्ड इसकी प्रतीक्षा कर रहा था। कमांडर जेम्स बैरोन ने चेसापीक की जांच की अनुमति नहीं दी। इस पर लियोपार्ड ने गोलाबारी शुरू कर दी और चेसापीक से चार आदमियों को उतार लिया।
लियोपार्ड की यह कार्रवाई संयुक्त राज्य पर आक्रमण की तरह थी। जब अमेरिका खबर पहुंची तो अमेरिकी नौसेना युद्ध की मांग करने लगे। संपूर्ण देश इंग्लैंड के विरुद्ध हो गया। लेकिन राष्ट्रपति जेफरसन युद्ध नहीं चाहता था। वह शांतिमाय ढंग से मामले को तय करने के प्रयत्न में जुट गया। ब्रिटिश सरकार ने भी समझौताकारी प्रवृत्ति अपनाई। उसने पकड़े गए चार नाविकों में तीन को छोड़ दिया और एक नाविक को फांसी दे दी। किंतु उसके बावजूद भी ब्रिटिश मंत्रिमंडल ने खोज करने और नाविकों को पकड़ने के लिए एक आदेश जारी किया। इस प्रकार ब्रिटेन और अमेरिका के बीच बलपूर्वक भर्ती का प्रश्न ज्यों का त्यों बना रहा। यह 1812 के युद्ध का एक प्रमुख कारण बन गया।
शांतिमय अवपीड़न:- चेसापीक-घटना के बाद जेफरसन ने नौकाविरोध विधेयक तैयार किया। कांग्रेस के दोनों सदन ने इसे पारित कर दिया। इस अधिनियम में अमेरिकी जहाजों को बाहर जाने से मना कर दिया। किंतु ब्रिटिश और फ्रेंच बंदरगाहों में झूठे निकासी पत्रों के साथ जाने की छूट दी गई। नौकाविरोध अधिनियम को प्रभावकारी बनाने के लिए कांग्रेस ने एक दल अधिनियम भी पारित किया। इसके फलस्वरूप अमेरिका के आर्थिक क्षेत्र में गंभीर मंदी आ गई।
सीमा संघर्ष:- अमेरिकी स्वतंत्रता काल से ही रेड इंडियन इंग्लैंड के राजा को अपना "श्वेत पिता" मानते थे। कनाडा के अंग्रेज भी इंडियनो से मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखना चाहते थे। जेफरसन ने "इंडियाना हटाओ नीति" लागू की। जिसके अनुसार इंडियनों को कबीलाई जमीन से हक छोड़ देना था, और उन्हें आवासी किसान के रूप में रहना था या मिसीसिपी के पश्चिम चले जाना था। इस प्रकार इंडियानो से उनकी परंपरागत जमीन ले लेने से उनमें असंतोष उत्पन्न हुआ। अब कनाडा के अधिकारी कनाडा पर आक्रमण से सशंकित होने लगे और अपनी सुरक्षा पर ध्यान देने लगे। इस पर कनाडा के लेफ्टिनेंट गवर्नर जनरल "सर जेम्स क्रेग" ने कहा यदि हम इंडियनों को बहाल नहीं करते, तो वह हमारे विरुद्ध बहाल किए जाएंगे। क्रेग तुरंत ही उनकी मित्रता प्राप्त करने की कोशिश करने लगा और इस तरह सीमा विवाद उठ खड़ा हुआ।
उपर्युक्त कारणों से युद्ध अपने अंतिम अंजाम पर पहुंचा। राष्ट्रपति मेडिसन ने ब्रिटेन के साथ युद्ध करने का निश्चय कर लिया। 1 जून 1812 को उसने कांग्रेस में अपना युद्ध संदेश भेज दिया। युद्ध संदेश में राष्ट्रपति ने कहा "अमेरिकी नागरिकों की बलपूर्वक भर्ती, अमेरिकी व्यापार में हस्तक्षेप और सीमा पर इंडियानो को उत्तेजित कर ब्रिटेन पहले से ही संयुक्त राज्य से युद्ध कर रहा है। 18 जून 1812 को कांग्रेस ने युद्ध की घोषणा कर दी।
युद्ध का परिणाम:- 1812 के युद्ध के प्रारंभ होने से पहले ही शांति समझौते के लिए बातचीत शुरू हो गई। अमेरिकियों ने बलपूर्वक भर्ती को त्यागने की शर्त रखी। उसने संपूर्ण कनाडा या इसके भाग की मांग की और स्पेन से फ्लोरिडा प्राप्त करने में ब्रिटिश सरकार की मदद की मांग की। किंतु ब्रिटेन ने इंकार कर दिया और यह प्रस्ताव रखा कि युद्ध के बंद होने के समय जिस प्रदेश पर युद्धरत देश का अधिकार था, उसी के अधिकार में वह प्रदेश रहेगा। इस प्रकार दोनों देशों के बीच संधि हो गई।
इस युद्ध के फलस्वरुप अमेरिका में राष्ट्रीय भावना का प्रचार प्रसार हुआ। इसे राष्ट्रीयता के प्रसार का युग कहा जाता है। संयुक्त राज्य के लोग अपने को अमेरिकी समझने और कहने में गौरव का अनुभव करने लगे। पुस्तको, अखबारों और भाषणों में राष्ट्रीय भावना प्रकट होने लगी। राष्ट्रीय नेताओं की जीवनीयां लिखी गई और लोग उन्हें नायक समझने लगे। अमेरिकी अब घरेलू समस्याओं की ओर ध्यान देने लगे। युद्ध के कारण हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए संयुक्त राज्य के बैंकों को पुनः स्थापित किया गया। 1811 में केवल 88 बैंक थे, जबकि 1816 में इसकी संख्या बढ़कर 246 हो गई। संयुक्त राज्य का राष्ट्रीय बैंक था, जो राज्य के बैंकों पर नियंत्रण रखता था।
इस युद्ध के बाद ब्रिटेन का समुद्री व्यापार पर से प्रभुत्व समाप्त हो गया और नौसैनिक शक्ति एकमात्र समुद्री नौशक्ति नहीं रही। इस युद्ध के चलते अमेरिका समुद्री व्यापार में स्वतंत्र हो गया और उसने इससे काफी मुनाफा कमाया। इस युद्ध में अमेरिका ने ब्रिटेन को हराया जिसके चलते जो अन्य छोटे-छोटे देश थे, उनके अंदर भी आत्मविश्वास की भावना जगी।
अंग्रेजी आयात के फलस्वरुप अमेरिका के वस्त्र उद्योग का विकास रुक गया था। 1812 के युद्ध के फलस्वरूप ब्रिटिश कपड़ों का आयात कम हो गया। अमेरिकी वस्त्र उद्योग को प्रोत्साहन मिला। बोस्टन निर्माता कंपनी का संगठन बनाया गया तथा मैसाचुसेट्स में पहली मिल खोली गई। जहां एक ही छत के नीचे कताई-बुनाई की जाती थी। अमेरिका के नवजात उद्योगों को संरक्षण दिया गया। 1816 में सीमा शुल्क अधिनियम द्वारा सीमा शुल्क की दर ऊंची कर दी। इससे अमेरिका के वस्त्र उद्योग को बढ़ा संरक्षण मिला। युद्ध के फलस्वरुप जल-मार्ग का विस्तार रुक गया था। लेकिन इसके बाद जल-मार्ग का विकास किया गया। कुछ ही वर्षों में वाष्पचालित नौकाएं मिसीसिपी नदी में चलने लगी। इससे व्यापार-व्यवसाय को बड़ा प्रोत्साहन मिला।
सड़क निर्माण पर भी ध्यान दिया गया। सार्वजनिक भूमि की बिक्री की आय के कुछ भाग का उपयोग सड़क निर्माण में किया जाने लगा। 1807 में जेफरसन के कोषाध्यक्ष अल्टर्व गैलाटिन ने एक राष्ट्रीय मार्ग का प्रस्ताव रखा। राष्ट्रपति और कांग्रेस दोनों ने उसके प्रस्ताव को मान लिया। पोटोमेक और मैरीलैंड में राष्ट्रीय मार्ग का निर्माण कार्य शुरू किया गया। 1818 तक यह बनकर तैयार हो गया। व्यापार- व्यवसाय को प्रोत्साहन देने के लिए चुंगी कम कर दी गई। अटलांटिक से ओहियो घाटी तक बड़े पैमाने पर वस्तुओं का आगमन शुरू हुआ।
इन सभी प्रयासों के बावजूद भी यातायात के साधन अभी भी अविकसित थे। अत: युद्धकालीन अनुभव के आधार पर 1815 में राष्ट्रपति मेडिसन ने संपूर्ण देश में सड़कों और नहरों का जाल फैला देने के लिए कांग्रेस का ध्यान आकर्षित किया। कैल्हून ने इसका समर्थन किया। उसने कांग्रेस में एक विधेयक पेश किया जिसमें संयुक्त राज्य के बैंक को सरकार की बकाया धनराशि देने के लिए कहा गया। इसका व्यय सड़कों और नहरो के निर्माण में किया गया।
निष्कर्ष:-इस युद्ध के फलस्वरूप अमेरिका के सम्मान में वृद्धि हुई और इंग्लैंड का सुदूर सागर में एक मात्र नौसैनिक शक्ति होने का प्रभुत्व समाप्त हो गया। अमेरिका के साथ सम्मानजनक व्यवहार करने के लिए उसे विवश होना पड़ा। इसी प्रकार कहा जा सकता है कि भविष्य के लिए अमेरिका के राजनीतिक मामले, जो यूरोप की घटनाओं से बंधे रहते थे, मुक्त हो गए। अमेरिका में आंतरिक मतभेद तथा राष्ट्रीय विरोधी भावनाओं की समाप्ति हो गई और युद्ध के पश्चात अमेरिकी जनजीवन में एक नया राष्ट्रीय दृष्टिकोण और राष्ट्रीय एकता का उदय हुआ। इस प्रकार यह युद्ध अमेरिका के स्वतंत्रता का दूसरा संग्राम माना जा सकता है।
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