बुकर टी. वाशिंगटन और नागरिक अधिकार आंदोलन

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बुकर टी. वाशिंगटन और नागरिक अधिकार आंदोलन अफ्रीकी-अमेरिकी नागरिक अधिकार आंदोलन (1955-1968) का उद्देश्य अफ्रीकी अमेरिकी लोगों के खिलाफ नस्लिय भेदभाव को गैर कानूनी घोषित करना और दक्षिण अमेरिका में मतदान अधिकार को पुन: स्थापित करना था। गृहयुद्ध के बाद अश्वेतों को गुलामी से मुक्त कर दिया गया था लेकिन उसके बावजूद भी उनकी स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया। पुनर्निर्माण और द्वितीय विश्वयुद्ध के बीच अश्वेतों की स्थिति ओर खराब हो गई। इस दौरान बुकर टी. वाशिंगटन इनके लिए एक प्रभावशाली नेता बनकर उभरे। वाशिंगटन ने अफ्रीकी-अमेरिकियों के लिए व्यावसायिक शिक्षा और औद्योगिक शिक्षा को बढ़ावा दिया ताकि वह आर्थिक रूप से संपन्न और कुशल बन सके। पृषठभूमि दक्षिण अमेरिका में अश्वेतों ने संघर्ष कर अपने आपको दासता मुक्त कराया। अश्वेतों ने अपनी संस्थाएं बनाई जिससे अश्वेत राष्ट्रवाद का उदय हुआ। नेशनल नीग्रो कन्वेंशन जैसे कई नीग्रो संगठन बने। गृहयुद्ध के दौरान अफ्रीकी-अमेरिकी नेताओं के बीच कट्टरपंथी विचारों का विकास हुआ। बिशप एम. टर्नर, मार्टिन आर. डेलानी और अलेक्ज़ेंडर क्रूमेल ने अश्वेतों के लिए एक स्वायत्त राज्य की...

अमेरिकी पुनर्निर्माण (Historian's Debate)


अमरीका का पुनर्निर्माण (Debate)

संयुक्त राज्य अमेरिका के इतिहास में पुनर्निर्माण एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक काल है साथ ही यह सबसे अशांत और विवादास्पद युगों में से एक है क्योंकि इसके केंद्रीय मुद्दे, नागरिकों के अधिकार, संघीय सरकार की भूमिका, और आर्थिक और नस्लीय न्याय अभी भी अनसुलझे हैं। यह गृहयुद्ध के दौरान शुरू हुआ और 1877 में समाप्त हुआ। इस दौरान संघीय सरकार ने अफ्रीकी अमेरिकियों के लिए नागरिक अधिकारों जैसे मुद्दों को संबोधित करते हुए, दक्षिण को फिर से बनाने और फिर से संगठित करने और संघ में वापस लाने का प्रयास किया। पुनर्निर्माण समकालीन राजनीतिक संघर्ष और अमेरिकी सरकार की प्रकृति में दूरगामी परिवर्तनों का युग था। नए कानूनों और संवैधानिक संशोधनों ने संघीय प्रणाली और नागरिकता की परिभाषा को स्थायी रूप से बदल दिया। पुनर्निर्माण के लेखन पर बहस पुनर्निर्माण के दौरान ही शुरू हो गई थी, और विभिन्न कानूनों पर विवादास्पद बहसें और संशोधनों ने स्वतंत्रता प्राप्त करने वालों को पूर्ण नागरिक बना दिया और उन्हें इसकी अनुमति दी की दक्षिण के राजनीतिक जीवन में सक्रिय भूमिका निभाए। समकालीन पत्र-पत्रिकाओं ने उस समय चल रही राजनितिक बहसों को प्रभावित करने की कोशिश की और आज के पाठको के लिए पुनर्निर्माण की अलग-अलग व्याख्यायें प्रस्तुत की।

पुनर्निर्माण काल के विषय को लेकर अमेरिकी इतिहाकसरों के बीच तीखी नोक झोंक हुई और वादविवाद चला। कुछ विद्वानों ने इस युग को घृणा का काल कहा, भयंकर दशक, दुखद युग जैसे शब्दों से अलंकृति किया है। उन्होंने इस युग को ऐसा युग बताया जब निकम्मे और सिद्धांतहीन काले और गोर रिपब्लिकन राजनीतिज्ञों ने दक्षिण पर बड़ी बेरहमी से शासन चलाया। तत्कालीन स्थिति की व्याख्या करने वालो में William A. Dunning का नाम विख्यात है। Dunning ने अपनी पुस्तक "Reconstruction-Political and Economic" में हमें गृह युद्ध से पहले का अन्याय और भ्रष्टाचर से भरा जीताजागता चित्र प्रस्तुत किया। उन्होंने पुनर्निर्माण को दक्षिण के प्रति निर्दयतापूर्ण व्यवहार करने वाला और नासमझ मुक्त दासो का शोषण करने वाला भी चित्रित किया।

इनके विचारों का खंडन विद्वान W. E. B. Du Bois ने अपनी पुस्तक "Black Reconstruction in America" (1935) में किया। 1930 के दशक में पुनरीक्षणवादी इतिहासकारों ने पुनर्निर्माण काल के इतिहास को नए दृष्टिकोण से देखने-परखने की प्रक्रिया शुरू की। विद्वान John Hope Franklin तथा Kenneth M. Stampp ने अपने अध्ययनों में प्रजातिपरक घिसी-पिटी धारणाओं से अपने आप को दूर रखा और पुनर्निर्माण काल पर सहानुभूतिपूर्ण ढंग से विचार किया। Stampp ने बताया कि पहले के इतिहासकारों ने जिन लोगों को निकम्मे और दीन-हीन घोषित किया था उनमें बहुत से अध्यापक और पादरी, संघीय सेना के अनुभवी व्यक्ति, फ्रीडम ब्यूरो के सदस्य तथा धर्म प्रचारक थे। इतना ही नहीं उनमें उत्तर की कई उत्साही महिलाएं भी थी। इन इतिहासकारों ने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी की बातें बहुत बड़ा चढ़ाकर बताई गई है।

इन इतिहासकारों का मानना है कि दक्षिण राज्यों में ऋण-ग्रस्तता आसमान छूने लगी थी जिसका मुख्य कारण रेल मार्गों में लगे धन और सामाजिक कल्याण योजनाओं में हो रहे खर्च को माना जाना चाहिए न की भ्रष्टाचार को। पुनरीक्षणवादी इतिहासकारों की दृष्टि में पुनर्निर्माण काल एक दुखद युग था क्योंकि काले लोगों की आर्थिक और सामाजिक समानता की रक्षा करने में यह युग असफल रहा।

इतिहासकार Eric Foner एक प्रमुख इतिहासकार है जिन्होंने अमेरिकी पुनर्निर्माण पर बहस के बारे में विस्तार से लिखा है। अपनी पुस्तक "Reconstruction: America's Unfinished Revolution" में Foner का तर्क है कि पुनर्निर्माण सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन के लिए जबरदस्त अवसर की अवधि थी, लेकिन यह अंततः प्रतिरोधी कारकों के कारण अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में विफल रहा क्योंकि दक्षिणी और उत्तरी श्वेत राजनेताओं ने पूर्ण रूप से समर्थन नहीं किया। अमेरिकी इतिहास में पुनर्निर्माण और इसकी विरासत की हमारी समझ को आकार देने में Foner का काम प्रभावशाली रहा है।

पुनर्निर्माण काल में रिपब्लिकन पार्टी की जो भूमिका रही उस पर भी काफी वादविवाद हुआ है। कई इतिहासकारों ने इस भूमिका की कड़े शब्दों में निंदा की। दक्षिण के नेताओं और डेमोक्रेटिक पार्टी के राजनीतिज्ञों की दृष्टि में यह वह काल था जब रिपब्लिकन पार्टी सत्ता में रही और उसने अपनी राजनीतिक शक्ति का दुरुपयोग दक्षिण को अपना हुकुम मनवाने में किया। 

इसे अपना विषय वस्तु बनाकर कई इतिहास विश्लेषकों ने अपने विचार प्रकट किए। इनमें प्रमुख हैं Claude Bower और E. Merton Coulter। विद्वानों John F. Rhodes के अनुसार अश्वेतों को मताधिकार दिलवाने में रिपब्लिकन पार्टी इसलिए सामने आई क्योंकि उसे इसमें अपना हित साधने का लक्ष्य स्पष्ट दिखाई दे रहा था।

किंतु हाल ही में जो अनुसंधान कार्य हुए उनके आधार पर कई विद्वानों ने उपर्युक्त धारणाओं का खंडन किया। La Wanda और जाॅन John H. Cox ने प्रकाशित अपने लेख "Reconstruction: A National View" में बताया कि अश्वेतों को मताधिकार दिलवाने में रिपब्लिकन पार्टी का सहयोग अपनी स्थिति मजबूत करने के उद्देश्य से नहीं था। बल्कि, उसे तो बराबर यह आशंका बनी रही कि इस सहयोग की वजह से कहीं पार्टी टुकड़े-टुकड़े होकर बिखर न जाए। नीग्रो लोगों को मताधिकार दिलवाने के मुद्दे को मुख्य आधार बनाकर रिपब्लिकन पार्टी ने 1867 में हुए राज्यों के चुनाव लड़े तो उसे कनेक्टिकट, न्यूयॉर्क, पेंसिलवेनिया और न्यू जर्सी में मुंह की खानी पड़ी। 1870 में हुए कांग्रेस के चुनावों में उत्तरी राज्यों में भी 15वा संशोधन रिपब्लिकन पार्टी के लिए हितकरी सिद्ध नहीं हुआ। जो भी हो, उत्तरी राज्यों की तत्कालीन स्थिति को देखते हुए अश्वेतों के वोट रिपब्लिकन पार्टी की जीत को सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त नहीं थे।

रिपब्लिकन पार्टी के लिए आज भी यह मान्यता विद्मान है कि यह पार्टी व्यापारियों और व्यवसायियों की पार्टी थी। इसलिए यह माना जाता है कि रिपब्लिकनो ने अपने वर्ग के स्वार्थ को अधिक तवज्जो देते हुए एक राष्ट्रीय आर्थिक नीति बनाई जिसमें व्यापारी वर्ग के हितों का सबसे अधिक ध्यान रखा गया। रिपब्लिकन पार्टी की आर्थिक नीतियों की ऐसी व्याख्या का विरोध हाल के वर्षों में हुआ है। नए मत में इस ओर ध्यान दिया गया कि रिपब्लिकन पार्टी का स्वरूप एक जैसा नहीं था, बल्कि इसमें विभिन्न हितों और विचारधाराओं का प्रतिनिधित्व करने वाले लोग थे। जब-जब संरक्षण शुल्क का मामला प्रस्तुत हुआ तो इस विषय को लेकर पूर्वी और पश्चिमी रिपब्लिकनो में तकरार हुई। अलग-अलग व्यापारी-व्यवसायी वर्गों में भी मतभेद था। पेंसिलवेनिया के लोग संरक्षण के पक्ष में थे जबकि न्यू इंग्लैंड और न्यूयॉर्क के लोग चाहते थे कि टैरिफ की दरें कम हो। ये दोनों गुट आपस में निरंतर टकराते रहे।

 इतिहासकारों के बीच प्रमुख बहसों में से एक यह है कि पुनर्निर्माण सफल था या असफल। कुछ इतिहासकारों का तर्क है कि पुनर्निर्माण एक सफलता थी, क्योंकि इसने दक्षिण में महत्वपूर्ण बदलाव किए, जिसमें संविधान के 13वें, 14वें और 15वें संशोधन का समर्थन शामिल है, जिसने गुलामी को समाप्त कर दिया, अफ्रीकी अमेरिकियों को नागरिकता प्रदान की, और उनके मतदान अधिकारों की रक्षा की। ये इतिहासकार इस युग के दौरान पब्लिक स्कूलों की स्थापना, नए राज्य संविधानों के निर्माण और अफ्रीकी अमेरिकी राजनीतिक शक्ति के विकास की ओर भी इशारा करते हैं।

अन्य इतिहासकारों का तर्क है कि पुनर्निर्माण एक विफलता थी, क्योंकि इस अवधि के दौरान कु क्लक्स क्लान जैसे श्वेत वर्चस्ववादी समूहों के उदय और अलगाववादी नीतियों के कार्यान्वयन ने इसकी विफलता को इंगित किया। वे अफ्रीकी अमेरिकियों को अपने राजनीतिक अधिकारों का प्रयोग करने और समाज में पूरी तरह से भाग लेने से रोकने के लिए सफेद दक्षिणवासियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली हिंसा और धमकी की ओर भी इशारा करते हैं।

 कुछ इतिहासकारों का तर्क है कि संघीय सरकार ने अफ्रीकी अमेरिकियों के अधिकारों की रक्षा करने और इस अवधि के दौरान बनाए गए नए कानूनों और नीतियों को लागू करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए। उनका तर्क है कि संघीय सरकार को श्वेत वर्चस्ववादी समूहों के खिलाफ ओर अधिक आक्रामक रुख अपनाना चाहिए था और यह सुनिश्चित करने के लिए मजबूत उपाय लागू करने चाहिए थे कि अफ्रीकी अमेरिकी अपने अधिकारों का प्रयोग प्रतिशोध के डर के बिना कर सकें।

 अन्य इतिहासकारों का तर्क है कि पुनर्निर्माण के दौरान संघीय सरकार ने बहुत कुछ किया, किंतु दक्षिण को फिर से आकार देने के उसके प्रयास अंततः असफल रहे। उनके अनुसार पुनर्निर्माण भ्रष्टाचार और अक्षमता से रहित था, और संघीय सरकार लंबे समय तक अपने प्रयासों को बनाए नहीं रख सकी।

गृहयुद्ध के बाद अमेरिकी इतिहास में पुनर्निर्माण की अवधि, समय के साथ इतिहासकारों द्वारा अलग-अलग व्याख्याओं के अधीन रही है। यहाँ कुछ मुख्य विचार हैं:–

डायनिंग स्कूल:– यह विचारको का एक स्कूल था जो 20वीं शताब्दी की शुरुआत में प्रचलित था, और इसने पुनर्निर्माण को अराजकता, भ्रष्टाचार और कुशासन के समय के रूप में चित्रित किया, जिसका नेतृत्व बेईमान उत्तरी राजनेताओं ने किया, जिन्होंने पराजित दक्षिण का शोषण किया। दक्षिणी सफेद अभिजात वर्ग के सहानुभूतिपूर्ण चित्रण और उस अवधि के दौरान अफ्रीकी अमेरिकियों की दुर्दशा को स्वीकार करने में इसकी विफलता के लिए इस दृष्टिकोण की आलोचना भी की गई है।

संशोधनवादी स्कूल:– 20वीं शताब्दी के मध्य में, एक संशोधनवादी दृष्टिकोण उभरा, जिसने डनिंग स्कूल के पुनर्निर्माण के चित्रण को एक विफलता के रूप में खारिज कर दिया। इस विचार ने पुनर्निर्माण की उपलब्धियों पर जोर दिया, जैसे कि सार्वजनिक शिक्षा की स्थापना और अफ्रीकी अमेरिकियों के लिए नागरिक अधिकारों की सुरक्षा, और इन परिवर्तनों के लिए दक्षिण के प्रतिरोध की आलोचना की।

नव-उन्मूलनवादी स्कूल:– 1960 और 1970 के दशक में, एक नई व्याख्या सामने आई, जिसे नव-उन्मूलनवादी स्कूल के रूप में जाना जाता है। इस विचार ने पुनर्निर्माण के दौरान अफ्रीकी अमेरिकी एजेंसी के महत्व और उनके अधिकारों की रक्षा में संघीय सरकार की भूमिका पर जोर दिया। इस विचार ने पुनर्निर्माण के दौरान हिंसा और आतंकवाद की भूमिका पर भी प्रकाश डाला।

पुनर्निर्माण के बाद का स्कूल:– 1980 और 1990 के दशक में, एक नई व्याख्या सामने आई, जिसे पोस्ट-पुनर्निर्माण स्कूल के रूप में जाना जाता है। इस विचार ने दक्षिण में मौजूद आर्थिक और सामाजिक असमानताओं को दूर करने के लिए पुनर्निर्माण की विफलता पर जोर दिया, और गुलामी और जातिवाद की विरासत को पूरी तरह से संबोधित करने में असमर्थता जताई। इस विचार ने संघीय सरकार के पुनर्निर्माण के परित्याग और बाद के दशकों में अफ्रीकी अमेरिकियों के नागरिक अधिकारों की रक्षा करने में इसकी विफलता की भी आलोचना की।

अन्य इतिहासकर:–

Howard Zinn एक इतिहासकार और सामाजिक कार्यकर्ता थे, जिन्होंने अमेरिकी इतिहास के बारे में बड़े पैमाने पर लिखा, जिसमें गृहयुद्ध के बाद पुनर्निर्माण की अवधि भी शामिल थी। अमेरिकी पुनर्निर्माण पर ज़िन का दृष्टिकोण अफ्रीकी अमेरिकियों के लिए स्थायी सामाजिक और आर्थिक न्याय प्राप्त करने में इसकी अंतिम विफलता के लिए महत्वपूर्ण था। ज़िन के विचार में, पुनर्निर्माण अमेरिकी समाज को मूल रूप से बदलने और गुलामी का निवारण करने का एक अच्छा अवसर था। इस अवधि में अफ्रीकी अमेरिकियों के लिए 13वें, 14वें और 15वें संविधान संशोधनों के पारित होने से कुछ महत्वपूर्ण लाभ देखे गए। लेकिन इन लाभों को श्वेत सर्वोच्चतावादी हिंसा, राजनीतिक भ्रष्टाचार और आर्थिक असमानता सहित कई कारकों द्वारा कम करके आंका गया।

जिन ने उस तरीके की भी आलोचना की जिसमें मुख्यधारा के इतिहासकारों द्वारा नस्लीय न्याय के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध होने के लिए श्वेत समाज की विफलता के बजाय, अश्वेत नेतृत्व की विफलता के रूप में पुनर्निर्माण की अवधि को तैयार किया गया था। उन्होंने तर्क दिया कि अमेरिका में दासता और नस्लवाद के व्यापक ऐतिहासिक संदर्भ को नजरअंदाज कर दिया गया और नागरिक अधिकारों और नस्लीय न्याय के लिए चल रहे संघर्ष को अस्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया गया। अमेरिकी पुनर्निर्माण के बारे में ज़िन का दृष्टिकोण ऐसा था जिसने सामाजिक और आर्थिक न्याय के लिए चल रहे संघर्ष पर जोर दिया और अमेरिका में चल रही गुलामी और नस्लवाद की विरासत को संबोधित करने के लिए निरंतर सक्रियता और आयोजन की आवश्यकता पर जोर दिया।

विद्वान W.E.B. Du Bois एक प्रमुख अफ्रीकी-अमेरिकी बौद्धिक और नागरिक अधिकार कार्यकर्ता थे जिन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका में पुनर्निर्माण युग के दौरान अफ्रीकी-अमेरिकी समुदाय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। डु बोइस का मानना ​​था कि पुनर्निर्माण अमेरिकी इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण था जिसने अफ्रीकी अमेरिकियों को समानता और स्वतंत्रता प्राप्त करने का अवसर प्रदान किया। उन्होंने इसे महान वादे की अवधि के रूप में देखा।


डु बोइस ने अपने मौलिक कार्य, "ब्लैक रिकंस्ट्रक्शन इन अमेरिका" में तर्क दिया कि पुनर्निर्माण संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए वास्तव में एक लोकतांत्रिक समाज बनाने का अवसर खो देने जैसा था। उनका मानना ​​​​था कि अफ्रीकी अमेरिकियों को भूमि, शिक्षा और राजनीतिक शक्ति प्रदान करने में विफलता ने गरीबी और असमानता के चक्र को समाप्त कर दिया जो अभी भी अश्वेत समुदाय को त्रस्त करता है।

डु बोइस ने पुनर्निर्माण के प्रमुख आख्यान की भी आलोचना की, जिसमें अफ्रीकी अमेरिकियों को श्वेत उत्पीड़न के शिकार के रूप में चित्रित किया गया था। इसके बजाय, उन्होंने तर्क दिया कि अश्वेत लोग अपनी मुक्ति के लिए सक्रिय थे, अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे थे और विभिन्न माध्यमों से श्वेत वर्चस्व का विरोध कर रहे थे। डु बोइस ने पुनर्निर्माण को अमेरिकी इतिहास में एक जटिल और प्रतिस्पर्धी अवधि के रूप में देखा, जिसमें प्रगति और असफलता दोनों शामिल हैं। 

C. Vaan Woodward एक प्रमुख अमेरिकी इतिहासकार थे जिन्होंने अमेरिकी पुनर्निर्माण, पुनर्निर्माण की अवधि और अमेरिकी नागरिक युद्ध (1861-1865) के बाद हुए सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक परिवर्तन के विषय पर व्यापक रूप से लिखा था। अमेरिकी पुनर्निर्माण पर वुडवर्ड का दृष्टिकोण जटिल और बारीक था। उन्होंने तर्क दिया कि यह काल प्रगति और छूटे हुए अवसरों दोनों का समय था, और यह नस्लीय समानता और सामाजिक न्याय लाने में विफल रहा।

अपनी प्रभावशाली पुस्तक, "The Strange Career of Jim Crow" में, वुडवर्ड ने दक्षिण में नस्लीय अलगाव की उत्पत्ति और विकास की खोज की। उन्होंने तर्क दिया कि जिम क्रो कानूनों का उदय और अफ्रीकी अमेरिकियों का उत्पीड़न गृह युद्ध का एक अनिवार्य परिणाम नहीं था, बल्कि श्वेत दक्षिणी अभिजात वर्ग द्वारा अपनी शक्ति और विशेषाधिकार बनाए रखने के लिए एक जानबूझकर किया गया एक ठोस प्रयास था। उन्होंने इस धारणा को खारिज कर दिया कि पुनर्निर्माण "कट्टरपंथी" रिपब्लिकन और "रूढ़िवादी" डेमोक्रेट्स के बीच एक सरलीकृत संघर्ष था, और इसके बजाय जटिल गठबंधनों, वार्ताओं और समझौतों पर प्रकाश डाला जो उस समय की विशेषता थी। अमेरिकी पुनर्निर्माण पर वुडवर्ड का दृष्टिकोण ऐसा था जिसने उपलब्धियों और कमियों दोनों को मान्यता दी, और इसको आकार देने वाले जटिल और बहुमुखी कारकों को समझने के महत्व पर जोर दिया।

David Blight एक प्रसिद्ध इतिहासकार और लेखक हैं जिन्होंने अमेरिकी नागरिक युद्ध और पुनर्निर्माण के बारे में विस्तार से लिखा है। अमेरिकी पुनर्निर्माण पर ब्लाइट का दृष्टिकोण यह है कि यह देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अवधि थी जिसमें अफ्रीकी अमेरिकियों के लिए स्वतंत्रता, नागरिकता और समानता के लिए संघर्ष किया गया।

ब्लाइट का तर्क है कि पुनर्निर्माण महान वादे का समय था, क्योंकि इसने अमेरिकी इतिहास में पहली बार प्रतिनिधित्व किया। सरकार ने अफ्रीकी अमेरिकियों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रूप से हस्तक्षेप किया। इस अवधि के दौरान, अफ्रीकी अमेरिकी राजनीतिक सत्ता हासिल करने, मतदान करने और राजनीतिक प्रक्रिया में भाग लेने में सक्षम हो गए थे। हालाँकि, ब्लाइट यह भी स्वीकार करता है कि पुनर्निर्माण महान संघर्ष का समय था, क्योंकि सफेद दक्षिणी लोग अफ्रीकी अमेरिकियों को अधिकार देने के प्रतिरोधी थे। ब्लाइट उस भूमिका पर भी जोर देता है जो हिंसा और आतंकवाद ने पुनर्निर्माण के दौरान निभाई, क्योंकि कू क्लक्स क्लान जैसे श्वेत वर्चस्ववादी समूहों ने अफ्रीकी अमेरिकियों और उनके श्वेत सहयोगियों को डराने और आतंकित करने के लिए हिंसा का इस्तेमाल किया। उनका तर्क है कि यह हिंसा, राजनीतिक भ्रष्टाचार और आर्थिक उथल-पुथल के साथ पुनर्निर्माण के पतन का कारण बनी।
 
पुनर्निर्माण पर बहस इतिहासकारों और विद्वानों के लिए रुचि का विषय बना हुआ है, क्योंकि यह अमेरिकी इतिहास में एक महत्वपूर्ण अवधि का प्रतिनिधित्व करता है जिसका देश के विकास पर महत्वपूर्ण दीर्घकालिक प्रभाव पड़ा। पुनर्निर्माण की व्याख्या को संयुक्त राज्य अमेरिका के बदलते सामाजिक और राजनीतिक माहौल के साथ-साथ इस अवधि के विकसित इतिहासलेखन द्वारा आकार दिया गया है। आज कई इतिहासकार पुनर्निर्माण को अमेरिकी इतिहास की एक जटिल और बारीक अवधि के रूप में देखते हैं, जिसमें सफलता और असफलता दोनों हैं, और एक विरासत जो आज भी देश को आकार दे रही है।












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